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* एक हसरत *

इतनी सी हसरत* है मेरी आफ़ताफ* बनूं आंखों की तेरी गुज़ारिश* करूं ख़ुदा से इतनी कि सिमटी रहूं पलको में तेरी इतनी सी हसरत है मेरी.......! गर छलक जाऊं बनकर आंसू कभी मेरी ख़ता ये माफ़ कर दे, जब गीरूं तेरी आंचल पर फिर से समेट रख लें,   इतनी सी हसरत है मेरी .... ...! असफ़ार*करूं इन अखियों से ही कि इनकी अमानत बन जाने दें आरज़ू* करूं इतनी सी आबरू* बस जानें दें मेरी  इतनी सी हसरत है मेरी .......!                                       ~Deepshikha Jha *हसरत - ख्वाइश * आफ़ताफ  -  सूर्य *गुज़ारिश - आग्रह *असफ़ार- यात्रा करना *आरज़ू - इच्छा *आबरू - इज्ज़त