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*दीपमाला*

ज़मीं पर जुगनू बिछ गया हो जैसे,घरती आसमां में  मिल गया हो ऐसे, झिलमिल रोशनी ,टीम - टीम तारा मिट्टी पर बिखरा हुआ सितारा ।   मानव में उल्लास भरा है,ऊष्मा नव संचार हुआ है । आंगन - आंगन सजी रंगोली,सिपाही खेले शरहद पर होली ।   "दीपोत्सव"का जगमगाता हर दीपमाला में, छिपा एक  संदेश है, जीवन में भाई चारे का देता ये आदेश है। फूलों सी झरती फूलझरीयाँ, चमक रही दीपों  की लड़ियां, पटाखें हैं धूम मचाते आपस में  सब नाचते गाते । विविध भारत वर्ष में विविधता में भरे रंग है दीवाली सहित अन्य पर्व में एकता के ही रंग है।                                                   ~Deepshikha Jha