*देश मेरे*
देश मेरे ओ देश मेरे, तू बहता है नस- नस में, तेरी ही कलमा पड़ता हूं,तेरे ही नगमे गाता हूं। ये मिट्टी नहीं ये गौरव हैं, नित मस्तक पे लगाता हूं, देश की मिट्टी में मिलकर फ़िर जन्म नया पाता हूँ। आसमान पर तीन रंग झंडे की तरह फहराता हूं, शान से नीचे चलता हूं मन ही मन इठलाता हूं। ओ देश मेरे हैं प्यार कितना ये दुश्मन को दिखलाता हूं, जो डाल दे नज़र तुझ पर आंखें नोच दफनाता हूं। जय हिन्द हर जुबां पर देश भक्ति के नारे लगाता हूं, हमें तुम से प्यार कितना शब्दों में बता नहीं पाता हूँ। ओ देश मेरे ओ देश मेरे, तू बहता है नस- नस में, ओ देश मेरे ............! ~दीपशिखा झा