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दिल बेचारा

मासूम नदियां ,जल की धारा पवन के झोंके  ना कोई किनारा ये "दिल बेचारा"! नहीं आता रुकने का ठिकाना,  आता बस झुकने  का बहाना।  दरिया ऐसा सब डुबो देता हैं  वारिश  की तरह भिगो देता है। कोईअछूता नहीं इसकी  कहर से  "बेचारे दिल"की शहर से ।    वो तेरे पास वो मेरे पास भी  एक सब का प्यारा "दिल बेचारा"।                                   ~ दीपशिखा झा

# सायरी#

इस दुनियां में बोहोत से ऐसे लोग हैं जो आपके मित्र होने का दावा करते हैं, लेकिन मुश्किल हालात में सिर्फ आपकी "परछाई" ही आपके साथ होती हैं ~Deepshikha  उलझ जाओंगे जुल्फों के नरम छांव तले, की खुद को मुझ से रिहा कर लो ~दीपशिखा जब आप किसी के साथ पूरी सिद्दत और सच्चाई से जुड़ते हैं, तब आप अपनी मन की आंखों से वो भी देख पाते हैं जो एक खुफिया कैमरे कभी नहीं देख सकता ~Deepshikha इश्क़ अक्सर बाबला बना देता है, बेवकूफी से दूरी बेहतर वे वक़्त की आवाज़ नहीं जब पुकारो आजाऊंगी वो वारिश नहीं जो किसी पे बरस जाऊंगी ,तुम सागर की लहरों जैसे देखते रह जाओगे मैं इस क़दर मूड़ जाऊंगी ~दीपशिखा #Goodevening   पीछे आऊ तेरे क्यूं अपना सा लगता है, तेरी हर  एक बात सपना सा लगता है ~Deepshikha 🤗

~एक रात~

कैसी ये रात है ना तेरी -  मेरी बात है दूरियां सिमटी है तन्हाई में ना वो लम्हें  ना वो बरसात है ना तेरी - मेरी बात है ।   कैसी ये रात है ना तेरी हंसी की शोर ना  वो मज़ाक जैसे नाचता मोर हर तरफ़ रात ही रात है ना तेरी - मेरी बात है ।  कैसी ये रात है ना कोई शिकवा ना शिक़ायत है ना तेरी माफ़ी की गुज़ारिश खामोश सारे अल्फ़ाज़ है ना तेरी - मेरी बात है।                                 ~Deepshikha jha