~ ख्व़ाहिशें~

*चांद ,तारों का अक्सर समा नहीं मिलता हर किसीको       मुकम्मल जहां नहीं मिलता।

*मखमली बिस्तर किसीको,किसीको धूपमे भी
  छाऊं नहीं मिलता।
  धरती से कभी आसमां नहीं मिलता ,हर 
  किसीको मुकम्मल जहां नहीं मिलता।

*हुनर सबमें हैं किसीको मौका,किसीको
  मुकाम नही मिलता ।
 नींद में कभी सपनों को उड़ान नहीं मिलता,
 हर किसीको मुकम्मल जहां नहीं मिलता।

*मस्ले हैं सभी के अपने, दर्द से जख्मों को 
 आराम नहीं मिलता।
 सूरज से कभी चांद नहीं मिलता हर किसीको 
  मुकम्मल जहां नहीं मिलता।
                       ~Deepshikha Jha 



टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
Wah Bahut Badhia👌👏🙏

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