"शहीद ए हिंदुस्तान"
ना झुका हैं तू ना झुकेगा तू,ना रुका हैं तू ना रुकेगा तू,
ना बुझा हैं तू ना बुझेगा तू ,ना मरा हैं तू ना मरेगा
तू ,शहीद ए हिंदुस्तान हैं तू अमर जवान हैं..।
जन्म लिया जब इस मिट्टी में ,मिट्टी की बड़ाई शान हैं ,खेला कूदा इस मिट्टी में सीचा अपनी जान है तू देश पर कुर्बान है तू , शहीद ए हिंदुस्तान हैं तू अमर जवान हैं ..।
ना थका हैं तू ना थकेगा तू ,ना थक कर कभी रुकेगा तू ,ना डरा हैं तू ना डरेगा तु ,ना डर कर कभी झुकेगा तू , शिहिद ए हिंदुस्तान हैं तू अमर जवान हैं..।
नभ में तेरा साया हैं ,धरती पर तू समाया हैं ,पवित्र हुआ वह जल भी तुझ से जिसमें तेरी काया हैं तिरंगा भी लिपटकर तुझ में धन्य कहलाया हैं शहीद ए हिंदुस्तान हैं तू अमर जवान हैं..।
कफ़न हैं सेहरा तेरा , तू धरती का भार उठाया हैं, हिंद हैं तू , भारत हैं तू , शहीद ए हिंदुस्तान हैं तू अमर जवान हैं ..।
~Deepshikha Jha
टिप्पणियाँ
उत्तालभंवरोंसेभरा है हिन्द की
अठखेलियाँ।रुकनहीं सकता कभीभी हिन्द की ऊँचाइयाँ।।शिखाजी आपने कमाल आज कर दिया।ऐसाजीवन्तशब्दांंकण
कभीकभी देखने को मिलता है।।