मिले हैं आज तो कल की फ़ीकर मत करना,
कल मिलू ना मीलू इसका ज़िक्र भी मत करना ।
याद आऊं तो मुस्कुरा देना,रो कर कहीं भूल ना जाना।
तस्वीर देख "गिला" ना करना, ज़िन्दगी लंबी नहीं बड़ी थी ये याद रखना।
मेरी "शखसीयत" ना मिटा पाओगें,चाहें जितना जोर लगाओगे।
मैं मन से "जिया", मन से "मरा"
और कितना आजमाओगें ,मिटाना सकोगें नाम मेरा शांत मन में एक "सुशांत"पाओगे । ~Deepshikha jha
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