~प्रकृति ~

आओ एक पेड़ लगते हैं ,प्रकृति को सुंदर बनाते है 
एक कसम ये खातें हैं होने ना देंगे अब इसे दूषित  
"प्रदूषण"आजसे मिटाते हैं आओं 
एक पेड़ लगते हैं प्रकृति को सुंदर बनाते हैं।

प्रकृति ही "भगवान्"हैं जिससे हम अनजान हैं 
नहीं रखता ये बैर किसी से हम सभी संतान हैं जिसके
"प्रकृति"को संजोए आज, नया चलो कुछ"बोएं"आज
आओं एक पेड़ लगते हैं प्रकृति को सुंदर बनाते हैं ।

प्रथ्वी का सम्मान करें ,जीवन "जल"का ध्यान धरे,
पशु - पक्षी खाद्य - जाल बिछा दी,जिसने उसका 
कुछ ऋण चूकते हैं आओं एक पेड़ लगते हैं 
प्रकृति को सुंदर बनाते है। ~
                               Deepshikha jha



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