"घमंड में इंसान को इंसान नहीं दिखता,जैसे
छत पर चढ़कर अपना मकान नहीं दिखता"।
ये "कोरोना" हैं भाई "अकड़" बचाकर रखो, मास्क
लगाने से किसी की पहचान नहीं छुपता।
जब बचाब आपके "हाथों" में है जोड़ लो कुछ दिन,
हाथ मिलाकर कोई महान नहीं बनता ।
यूं तो दुनियां बहूत खूबसूरत हैं पर "घर"
जैसा कहीं आराम नहीं मिलता ,
दोस्तों के साथ वक्त बिताना किसे अच्छा नहीं लगता, लेकिन"कोरोना" आपकी भावना को नहीं समझता,।
अपनो के बीच भी दूरी रखें , घर में रहें सुरक्षित रहें ।
~दीपशिखा झा
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