"सामाजिक प्रश्न"
जन्म दिया "तूने* इस धरती पर ये तेरा किया "अपराध"* है लड़की होना अभिशाप है ।
खुशियां देखा ना देखी बचपन सुना पड़ा है सारा जीवन
दर्द ही दर्द भरा मेरा दामन "तूने" दिया ये श्राप है लड़की होना अभिशाप है।
इंसानी रूप में गूड़िया हैं बनाया ,कौन अपना कौन पराया खिलौना समझे पूरा संसार है लड़की होना अभिशाप है।
मासूम किशोरी बिलखती रही एकबार फिर मर्द रूपी बनी भेडिये की शिकार है इसधरती पर स्त्री रूपी जन्म लेना "अपराध" है ,लड़की होना अभिशाप है।
~Deepshikha Jha
*भगवान
*गलती
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