*मिथिला संस्कृति*

माँ जानकी की भूमि, गोतम बुद्ध की निशान
बाबा वेदनाथ बिराजे, कोषी, बालन, गंडक
गंगा नदी का पानी ।

मिथिला धाम के हम मैथिल मधुर है बोली - वाणी
कवि विद्यापति की गाथा, मिथिलाक अमर निशानी।

खान - पान की मिसालें,  आदर स्वभाव वाले 
मैथिली है जिनकी बोली, मीठी जैसे रंगोली ।

इतिहास की मिसालें, पर्वत गर्व वाले 
मिथिला है हम मैथिल है ।
                            ~दीपशिखा झा

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